कविता पढ़ें और महसूस करें... कविता पढ़ें और महसूस करें...
वर्षा हुई बूढ़ी, आया भादौं का महीना। वर्षा हुई बूढ़ी, आया भादौं का महीना।
देश भलो रे,देश भलो रे। भारत है अपनों भैया देश भलो रे। देश भलो रे,देश भलो रे। भारत है अपनों भैया देश भलो रे।
लोग कहते हैं कश्मीर को जन्नत-ए-कश्मीर लोग कहते हैं कश्मीर को जन्नत-ए-कश्मीर
कितना रंगी है नज़ारा दूर का, रुप ने धरा है ये रुतबा हूर का। कितना रंगी है नज़ारा दूर का, रुप ने धरा है ये रुतबा हूर का।
दूनियां असली खूबसूरती उन्हें जो अक्सर निहारा करते है दूनियां असली खूबसूरती उन्हें जो अक्सर निहारा करते है